Type Here to Get Search Results !

क्या लेकर तू आया जग में लिरिक्स | Kya Lekar Tu Aaya Jag Mai Lyrics



क्या लेकर तू आया जग में लिरिक्स


क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा ॥

क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा,
सोच समझ ले रे मन मूरख,
आख़िर मे पछताएगा ॥

भाई बंधु मित्र तुम्हारे,
मरघट तक संग जाएँगे,
स्वारथ के दो आँसू देकर,
लौट के घर को आएँगे,
कोई ना तेरे साथ चलेगा,
काल तुझे ले जाएगा ॥

क्या लेकर तू आया जग मे,
क्या लेकर तू जाएगा,
सोच समझ ले रे मन मूरख,
आख़िर मे पछताएगा ॥

कंचन जैसी कोमल काया,
मूरत जलाई जाएगी
जिस नारी से प्यार करा तने,
बंधन तोड़ के जाएगी,
एक महीना याद करेगी,
फिर तू याद ना आएगा॥

क्या लेकर तू आया जग मे,
क्या लेकर तू जाएगा,
सोच समझ ले रे मन मूरख,
आख़िर मे पछताएगा ॥

राजा रंक पुजारी पंडित,
सबको एक दिन जाना है,
आँख खोल कर देख बावरे,
जगत मुसाफिर खाना है,
‘पवन’ कहे सब पाप पूण्य यहीं,
अंतिम साथ निभाएगा ॥

क्या लेकर तू आया जग मे,
क्या लेकर तू जाएगा,
सोच समझ ले रे मन मूरख,
आख़िर मे पछताएगा॥


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.