वीणा के बजइया सातों सुर के रचइया लिरिक्स
वीणा के बजइया
सातों सुर के रचइया
हंस पे सवार होके
आजा मोरी मैया
वीणा के बजइया
सातों सुर के रचइया
हंस पे सवार होके
आजा मोरी मैया
विनती हजार करतानी
सुनी हे मैया शारदा भवानी
वीणा के बजइया
सातों सुर के रचइया
हंस पे सवार होके
आजा मोरी मैया
जेकरा पे माई राउर
किरपा हो जाला
गुनी और ज्ञानी बनि
जग में पुजाला
स्वर में तू जेकरा
समा जालू माई
सुर संगम के उ
ज्ञाता कहाला
मुरखउ बन जाला महाज्ञानी
सुनी ओ मैया शारदा भवानी
वीणा के बजइया
सातों सुर के रचइया
हंस पे सवार होके
आजा मोरी मैया
सूरदास कालिदास के
कवि बनइलू
बालमीक जी से तू
रामायन लिखवइलू
रामचरित मानस के
कइ देहले रचना
तुलसी के जब तू
कलम में समइलू
तोहे हम केतना बखानी
सुनी हे मैया शारदा भवानी
वीणा के बजइया
सातों सुर के रचइया
हंस पे सवार होके
आजा मोरी मैया